Tuesday, August 20, 2013

मुलायम सिंह जी कांग्रेसवादी नेता

मुलायम सिंह जी  समाजवादी नेता कहे जाते है यह एक सोच एवं विचार है जो अस्सी के दशक में काग्रेस से अलग होकर निकली थी । जिसमें सभी वर्गो का समान सम्मान देने की बात कही गयी थी । हमारे देश मे ऐसा होना भी चाहिए सभी पंथो एवं जातियों को समान सम्मान एवं अधिकार प्रात होेने चाहिये ।

धीरे - धीरे यह समाजवादी सोच मुस्लिम समाज पर संकीर्ण हो गयी । समाजवादिता की पहचान केवल मुस्लिमों हितों तक आकर सिमट गयी ।  उन्हे विशेषाधिकार देने की पहल प्रारंभ हो गई अतः इसी पहल ने मुलायम सिंह जी को उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च पद बैठा दिया था । अब समाजवाद मुस्लिमवाद में बदल गया था ।

उ0प्र0 में  मुलायम सिंह जी  की हार का कारण मुस्लिमवाद नही था । पराजय का मूल कारण अपराधवाद था ।  उ0प्र0 में  मुलायम सिंह जी   के शासन काल में अपराध चरम पर था । अपराधी उ0प्र0 को प्रथम ग्रह समझने लगे थे । इस अपराधिकरण पर फिल्मी तडका भी लगा जब अमिताभ बच्चन जी ने टी0वी0 पर कह दिया उ0प्र0 में अन्य राज्यों की अपेक्षा अपराध कम है । अमिताभ बच्चन जी को यह झूठ बोलने से पहले विचार करना चाहिये इस प्रकार झूठे विज्ञापनों से व्यक्ति की सत्यनिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगते है । अंन्त में 2007 में मुलायम सिंह जी का समाजवाद चुनाव हार गया एवं जीत हुई मायावती के बहुजन समाजवाद की वह भी पूर्ण बहुमत के साथ।

मुलायम सिंह जी  के पास अभी भी लोकसभा की बहुत सीटें थी । उनके पास मौका आया 2008 में कांग्रेसवादी बनने का और उन्होने यह अवसर बिना  कोई समय गंवाये स्वीकार कर लिया । मुलायम सिंह जी   ने न्यूक्लियर डील में कांगे्रस का साथ दे दिया ।  अब वह समाजवादी नेता से  कांग्रेसवादी नेता बन गये ।

मुलायम सिंह जी  अपने सारे नैतिक मूल्यों का अवमूल्यन का खेल साम्प्रादियिकता के मुखेटे के पीछे खडे होकर खेला था । यह बहुत दुखद है कि मुलायम सिंह जी   सदैव अवसरवादी नेता के रूप में देखे जायेगे । इसके उदारण हमें एफ0डी0आई0 मतदान के समय संसद में देखने मिलता है । मुलायम सिंह जी   ने एफ0डी0आई0 का पुरजोर विरोध किया परन्तु जब वास्तविक युद्ध का समय आया तो युद्ध क्षे़त्र से ही भाग लिया गया । मुलायम सिंह जी  इसे ही शुद्ध हिन्दी में कायरता कहते है ।

दसरा अवसर वादी बनने का समय खाद्य सुरक्षा विधेयक के समय आया है जब वह कांगेस का समर्थर कर रहें है । मुलायम सिंह जी    इन्ही कृत्यों  के कारण असिमित क्षमता होते हुऐ भी क्षेत्रिय नेता बनकर रह गयें है जिनकी उ0प्र0 के बाहर कोई भी राजनैतिक भूमि नही है । मुलायम सिंह जी  को सही मायनो में कांगे्रस से अलग दल बनाने की आवश्यकता नही है । उनके दल एवं कांग्रेस के गुण मिलते है दोनो ही दल अपराधीवादी, वंशवादी, अवसरवादी एवं किसी एक परिवार के आश्रित है । इन दोनो ही दलो की भविष्य की कोई योजना नही है एवं लक्ष्य नही है ।  एवं जिनका लक्ष्य नही होता है उनका भविष्य भी नही होता है ।

मुलायम सिंह जी को कांगे्रस का साथ नुकसान दायक ही रहा है परन्तु जब तक मुलायम सिंह जी  समझेंगें उनका समाजवादी दल विनाश की ओर अग्रसर हो चुका होगा । एक ऐसा दल जिसकी कोई विचार धारा नही है ।

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