Sunday, January 19, 2014

भारत मां का दूध विदेशि कम्पनी लैक्टल (Lactel) केा बेच दिया गया है।

भारत में वर्तमान सपूतों ने पैसों के लिये  देश को बेचने की कसम सी खाली है । अभी भारत में दो बडी जनसंख्या की गणनाये हुई है । पहली भारत सरकार द्वारा जनगणना, दूसरा नंदन निलेकणी के द्वारा आधार कार्ड के लिये की जा रही असंवैधानिक जनगणना । बुद्धिहीन मनमोहन सिह जो भारत के प्रधानमंत्री बन गयें है, पद छोडते छोडते भारत माता का पूरा खून चूंस कर ही प्रधानमंत्री पद छोडेगें उन्हे भारत का इतिहास सदैव जवाहर लाल नेहरू के जैसे हेय की दृश्टि से ही देखेगा। एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसकी भारत में कोई भी सम्मान नही रहेगा । उसकी प्रसंषा केवल यूरोप, अमेरिका, चीन जैसे देश ही करेगें जिन्हे इन्होने जानबूझकर अथाह लाभ पहुंचाया है ।
  
 आज तक मैने मनमोहन सिंह की कभी इतनी कडी निंदा नही की परन्तु आज 19/जन0/2014 का दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण में जब  खबर छपी की विश्व में सबसे बडी लैक्टेल फांसिसी कम्पनी ने भारत की तिरूमला डेयरी को खरीद लिया है तो मुझे अपने क्रोध पर नियंत्रण न रह सका एवं मैने सवेरे मनमोहन सिंह को कौसने का मन बना लिया। 

अब विचार यह आता है अगर तिरूमला डेयरी बिकी तो मै मनमोहन सिंह को क्यों कौस रहा हूॅ । कारण साफ है उनके द्वारा किये जा रहे सर्वे विदेश कम्पनियों के द्वारा व्यापारिक उद्देष्यों की पूर्ति के लिये उपयोग किये जा रहे है । जैसा कि हम सभी जानते है कि आधार कार्ड के लिये संयोजित किया हुआ डेटा सी0आ0ए0 द्वारा चलाई जाने वाली संस्था को क्यू आर्म को बेच दिया है । अब अमेरिका की सरकार भारत के असंगठित एवं छोटे उद्धयोगो पर हमला करने के लिये तैयार है जिसका आधार यही सर्वे/जनगणनायें है । इसके लिये हमारे  देश  के ईमानदार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से सम्पूर्ण सहायता की है ।


यह भारत के दूध उद्धयोग के लिये प्रथम आक्रमण के रूप में देखा जाना चाहिये जिसमें भारत की मनमोहन सरकार लैक्टेल फांसिसी कम्पनी के साथ खडी होगी । दैनिक भास्कर में इसका आंकडा दिया हुआ है कि भारत साल भर में चार लाख करोड दूध का व्यापार करता है जो कि 16 प्रतिशत की दर से प्रति वर्ष बड रहा है । यह दूध को व्यापार भारत के हर एक व्यक्ति से जुडा हुआ है । यह भारत में स्वावलंबन, स्वारोजगार एवं आर्थिक स्वायत्ता का केंद है । यह हजारो लोगो के स्वारोजगार एवं स्वतंत्रता को केवल एक या बहुत सारी रावण जैसी कम्पनीयों के  अंतर्गत लाकर दूध व्यापार पर नियंत्रण करने का प्रयत्न होगा जो  जीवन दायिनी दूध को मूल्’य को उनके अनुसार नियंत्रित करेगें । मै इस सौदे से बहुत ही चितिंत हू ।

यह सौदा देश की अस्मिता पर आक्रमण है । दूध के प्रति भारत का प्रेम लाखों, हजारों वर्ष पुराना है । यह वह भारत है जहां गायों के लिये कितने बडे बडे युद्ध हुऐ । श्री कृश्ण ने सारा जीवन दूध एवं गाय के लिये समर्पित कर दिया । भगवान शिव का अभिशेक दूध से होता है । मां अपने पुत्र या पुत्री को जीवन दायिनी दूध पिलाती है । लाखों एवं करोडों पकवान दूध से बनते है । जीवन के प्रारंभ होने से अतिंम एवं मरने के बाद भी दूध का महत्व प्राणी के लिय कम नही होता है । ऐसे दूध की एक भारतीय संस्था को कोई विदेश कम्पनी खरीद ले तो यह वास्तव में चिंता का विषय है ।

मेरा यह अनुरोध रहेगा कि भारत वासियो को दूध की स्वयत्ता बचान के लिये आंदोलन करना चाहिये । वर्तमान सारे कर्मचारियों एवं सम्पूर्ण देश के दूध व्यापारियों को तिरूमला डेयरी के इस सौदे का विरोध करना चाहिये । परन्तु यदि हम ऐसा नही करते है तो पुन मुझे श्रारत की अस्मिता खतरे में लगती दिख रही है । भारत के सभी दूध संस्थानों को संगठित होकर इस कम्पनी को देश  बाहर फेंक देना चाहिये । अब समय आ गया है कि हम एकत्रित होकर भारत के दुष्मानों का सामना करें अन्यथा यह युद्ध भारत असंठन के कारण बडी ही आसानी से हार जायेगा एवं हमारी आने वाली पीडियो इन्ही अंगेजों, फ्रांससियो एवं अमेरिकनों की गुलाम बनी रहेगी । 

यह जो डेटा इन अमेरिकी कम्पनियों को भारत सरकार ने बेचा है यह भारत के निवासियों के लिये बहुत ही दुश्कर परिणाम लाने वाली है । यह इन बडे देश  को भारत के आर्थिक वातावरण को समझने, नीतियां बनाने में सहायता करेगी वरन भारत के उद्योग धंधो को नश्ट करने में भी सहायता करेगी । अगर इसी प्रकार भारत सरकार भारत के नागरिको का सौदा करती रही तो भारत पुन परतंत्र हो जायेगा । 

"अब कान्हा के देश मे  फांस की कम्पनी दूध बेचगी"

Saturday, January 4, 2014

स्वामी विवेकानंद शार्धसती समारोह - संकल्प महाशिविर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ महाकौशल प्रांत

  मध्यप्रदेश  के महाकौशल प्रांत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ  द्वारा परमपूज्य स्वामी विवेकानंद जी की एक सौ पचासवी जयंती के अवसर पर शार्धसती संकल्प महाशिविर का आयोजन किया जा रहा है । संकल्प महाशिविर का आयोजन जबलपुर नगर के विजय नगर में आयोजित किया जा रहा है । संकल्प  महाशिविर 03 जनवरी 2014 को प्रारंभ होकर 05 जनवरी 2014 को सर संघ चालक श्री मोहन भागवत जी के उद्भोधन के साथ समाप्त होगा । महाशिविर  का आयोजन संघ की कार्यप्रणाली से आम जन के मध्य प्रस्तुत करना है ।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शिविरों का विशेष महत्व होता है । शिविरों द्वारा एक शक्ति चेतना का संचार होता है । यह किसी के विरोध में किया गया अनुष्ठान नही है अपितु स्वयं का शक्ति परीक्षण करने हेतु किया गया कार्य है ।  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सदैव सकारात्मक उर्जा के साथ कार्य करता है । 

संकल्प महाशिविर में महाकौशल प्रांत के टीकमगढ, छतरपुर, लवकुश नगर, पन्ना, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, मउगंज, सीधी, सिंगरौली, सागर, बीना, दमोह, नरसिंहपुर, जबलपुर जिला, महानगर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट, वारासिवनी, सिवनी, लखनादौन, छिन्दवाडा, परासिया जिलो के एक लाख स्वयं सेवको से अधिक का एकत्रीकरण है । इन सभी जिलो के स्वयंसेवको शिविरों में ग्यारह नगरों रहने की व्यावस्था की गई है । हर नगर के तंबुओं को विभिन्न रंगो से सजाया गया है । इन रंगो से शिविरों में प्रेरणा का संचार होता है । जो भारत के देश वासियों में सेवा के लिये प्रेरक  उर्जा का प्रवाह करता है। 

 में प्रर्दशनी का आयोजन किया गया है । यह प्रर्दशनी भारत के वर्तमान एवं ज्वलंत मुद्दो का संक्षेप वर्णन देती है । इस प्रर्दशनी को अलग अलग भागों में विभक्त किया गया है । जिसमें कश्मीर, चीन, क्रिष्चीयन मिशनरी द्वारा धन देकर कनवर्जन, भारत के एक हजार वर्षो पुराना इतिहास, संघ के संस्थापक परमपुज्य हेगडेवार जी एवं श्री गोलवरकर जी का संक्षिप्त जीवन परिचय, विभिन्न संस्कृतियों भारतीय संस्कृति के चिन्ह आदि विषेष आर्कषण का केन्द्र है । 

संकल्प महाशिविर  में स्वयंसेवको का अनुशासन साराहनीय है । वे सब एक पंक्ति में  खडे होकर सूर्य नमस्कार, व्यायाम योगए प्रार्थना करते है । यह अनुशासन सभ्य एवं सशक्त  हिन्दू समाज का परिचायक है । यहां हिन्दू एक जीवन शैली है । वह प्रत्येक व्यक्ति जो हिन्दू जीवन शैली को अपनाता है वह हिन्दू कह लाता है । 

Thursday, January 2, 2014

आप अभी अपरिपक्व दल है AAP is immature Party

ये सुनकर बहुत अच्छा लगता है कि राजनीति में परिवर्तन की लहर चल रही है । भारत का प्रत्येक नवयुवक इस घिसी पिटी और उबाउ यू0 पी0 ए0 सरकार से छुटकारा पाना चाहता है । वह मनमोहन एवं राहुल गांधी को एक ही कडी में खडा करता है । वह राहुल गांधी को ऐसे युवा नेता के रूप में देखते है जो सदैव जिम्मेंदारी लेने से बचते है । 
अरविंद केजरीवाल को मै बहुत सम्मान की दृश्टि देखता हूॅ परन्तु मुझे षंका है कि वह कांग्रेस के द्वारा नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध एक कुटनीति हथियार के रूप  में प्रयोग किये जा रहें है ।  कांग्रेस जानती है कि भारतीय समाज ने उसे सौ प्रतिषत नकार दिया है । और वह चाह कर भी भाजपा के विरूद्ध जीतने में सक्षम नही है । जिस कारण उसे कोई ऐसे व्यक्ति का लाने की आवष्यकता थी जो नरेद्र मोदी के वोट काटने का काम कर सके एवं इसके रूप में अरविंद केजरीवाल को खडा किया गया है । अरविंद केजरीवाल अगर ऐसा करते है तो वह देष में चल रहे व्यावस्था परिवर्तन को गहरा झटका पहुचायेगें । 
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिये बहुत अच्छा काम रहे है । परन्तु मे उन्हे एवं उनकी समूह को राश्टीय राजनीति में संदेष की दृश्टि से देखता हूॅ । उदारण के तौर पर प्रषान्त भूशण ने कहा था कि कष्मीर को पकिस्तान को दे देना चाहिये । क्या वह नही जानते कि भारत एवं देष के सैनिको ने उसे किस प्रकार बलिदान देकर बचाया हुआ । ऐसे ही आज कुमार विष्वास कह रहे है कि वह राहुल गा्रधी के विरोध में लडेगें परन्तु कुछ समय पहले उन्होने चुनाव लडने परहेज किया था ।  ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर अभी केजरीवाल एवं समूह ने अपनी कोई भी राय व्यक्त नही की है जैसे चीन का मुददा, कष्मीर का मुददा, अर्थ व्यावस्था आदि। इनमें एक ज्वलंत मुददा देवयानी खोबरागडे का है । आप पार्टी की विष्वस्नीयता कांग्रेस से समर्थन लेने कारण भी कम हुई । 
अभी अरविंद केजरीवाल ने जनता को तुरंत देखने वाले लाभ दिये परन्तु उनकी दृश्टता लंबे समय तक किसी राज्य को चलाने के प्रति क्या है इस पर विचार करने की आवष्यकता है । क्योंकि बिजली तो मुफत में कांगे्रस ने भी बांटी थी जिसके कारण सारे देष में मुफत समान देने की नीति का लोकार्पण हुआ है । एवं सारा देष उसे अब भी झेल रहा है । 
राश्टीय राजनीति के लिये में अरविंद केजरीवाल को अभी अपरिपक्व मानता हूॅ । अरविंद केजरीवाल ने अभी हार का सामना भी नही किया । अभी उनके दल को निराष और हताषा का सामना भी तो करना है । अभी तो आप के उपर सुखों की वर्शा हो रही है । सच्चाई की परख दुख के समय होती है । लोग अभी आप से जुडना चाहते है क्योंकि उन्हे लगता है कि वह राजनीति में बडी आसानी से आ जायेंगें । ऐसे लोग भी बडे खतरनाक होते है । जो केवल उगते सूरज को सलाम करतें है । जिस प्रकार वारिश आने पर छोटे मोटे गढडे भर जाते, छोटे छोटे नाले भयंकर नदी का रूप ले लेत है । परन्तु कुवार के महीने यह गढडे सूख जाते एवं गर्मी आते आते नाले सूख जाते है । उसी प्रकार वर्तमान मे मै आप पार्टी को देखता है । परन्तु मै ईष्वर से कामना करता हूॅ कि वह गढडे से झील या नाले से नदी का रूप धारण कर इस देष की माटी को सिंचिंत करे ।