Monday, November 25, 2013

गुड मार्निग छोडो जय हिन्द बोलो - भारतीय सेना

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ । आशाऐ तो ऐसी कि गुलामी की सम्पूर्ण निशानियो को सबसे पहले भारत से समाप्त किया जावेगा परन्तु ऐसा हुआ नही जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधान मंत्री बने और बनने के बाद उन्हे देश से अधिक उनके अतराष्टीय कद की चिंता होने लगती । वह देश के लिये कुछ नही कर पाये क्योंकि उन्हे भारत के लोगो से अधिक अंग्रजो की रानी का ध्यान रहता था । उन्होने महात्मा गांधी के स्वदेशी के सिद्धातों की धज्जियां उडा दी एवं उनके कपडे न तो भारत में बनते थे और न ही धुलते थे । यह  भारत देश के धोबी, कोरी एवं नामदेव समाज का  अपमान  है क्योकि जवाहर लाल नेहरू ने धोबी, कोरी एवं नामदेव का इस योग्य ही नही समझा कि यह कपडे धो एवं बना सके । जवाहर लाल नेहरू ने ही विदेशी समानो को खरीद कर देश में विदेशी समान के लिये बाजार बनाया । 

आज 67 वर्षो दैनिक भास्कर में एक समाचार पत्र आया कि भारतीय सेना अब गुड मार्निग के स्थान पर जय हिन्द शब्द का प्रयोग करने के आदेश दिये है । एवं कार्यक्रम समाप्त होते समय भारत माता की जय का उदघोष हो यह शब्द सुनकर मेरी आत्मा गदगद हो गयी एवं मै इसके लिये लिखे बिना रह न सका । मै श्री जनरल बिक्रम जीत सिंह आत्मा से धन्यवाद देना चाहता हॅू । जिन्होने एक सकारात्मक परिवर्तन लाया है । 

हमारे शासक इस गुलामी को समझ नही पाये एवं इस अंगे्रजी सभ्यता का बोझ अपने सर पर लाद कर उसे गर्भ समझ रहे है । हमारे देश के वर्तमान परिस्थिति इस प्रकार की उत्पन्न की गई है कि जैसे हमारे उपर यदि विकसित देशो का हाथ न होता तो हमारा अस्तित्व ही न हो । यह मानसिकता गुलामी की ओर ले जाती है ।  गांधी जी ने सदैव इस मानसिकता का विरोध किया है परन्तु उनके पर अनुयायी श्री जवाहर लाल नेहरू को अपनी शक्तियों का कभी ज्ञान ही नही हुआ वे कभी चीन तो कभी रूस की ओर देखते रहे ।

जिस प्रकार आज श्री बिक्रम जीत सिंह जी ने गुड मार्निग की गुलामी समाप्त किया है उसी प्रकार श्री अटल जी ने भी गुलामी की निशानी को समाप्त करने का प्रयास किया था । सन् 2000 तक भारत में बजट फरवरी की दिनांक को संध्या 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था । 2001 प्रथम बार श्री यशवंत सिंहा जी ने अटल जी के नेतृत्व में भारतीय समय अनुसार सुबह 11 बजे बजट प्रस्तुत किया एवं अंग्रेजो की गुलामी का एक निशान मिटाया । इस प्रकार इन्होने भारतीय गौरव एवं गरिमा का सम्मान किया । न जाने कितनी ऐसी ही जंजीरे हमारे उपर जकडी हुई जिन्हे हमें बहुत जल्द एक एक करके तोडनी । 

वकीलो के कोट की गर्मी भी उसी गुलामी एवं मूखर्ता का परिचय है । जो उन्हे गर्मियों में भी में वह काला एवं गर्म कोट पहनने मेें मजबूर कर रहा है  । एक ओर दीक्षांत समारोहो में पहनी जानी वाली वह काली और भद्दी पोशाक जिसे क्यों पहनते है क्योंकि अंग्रेज ऐसी की पोशाक पहना करत थे । अंग्रेजी भाषा का हर स्थान पर प्रयोग करना भी गुलामी महत्व देने के समान है ।

हम भारतवासियों को ऐसी कुकृत्यों को पहचानना चाहिये एवं इन गुलामी से ओतप्रोत परंपराओं को समाप्त कर देना चाहिये ।

Saturday, November 23, 2013

MP Assembly Election 2013

Close fight between BJP and Congress due to Non performance  and corruption of MLA of BJP. 

Narendra Modi, Shivraj Singh Chouhan and other politician from BJP while Rahul Gandhi,  Man Mohan singh from Congress are playing their roll in election. Result of election may astonish. BJP may not acquire expected results from the MP assembly elections.  Narendra Modi is crowd catcher as well as vote catcher too. People of MP would definitely vote to Narendra Modi for General Election 2014 but they are confused about the Shivraj Government.  Therefore the common question arrive in the mind, why people are thinking about to vote in favor  of Shivraj Singh Chouhan while Shivraj is better performer than Digvijay Singh.

The main factor for pooling down the Shivraj Government is following:

     1.       Huge Anti-Incumbency against MLA not against Shivraj Singh:
People of MP likes Shivraj Singh Chouhan but They don’t like local MLA.  Local MLA’s are very poor at work. Low performer .  Arrogant.  No connection Karyakartas of party. Involved in the Corruption. Overall People are liking Shivraj Singh but disliking Local MLA.

      2.       Old are Karyakaratas are Ignored while New karyakartas getting Butter:
IN MP BJP, Congress culture has been develop gradually. In MP BJP chamchas are growing slowly while performance culture is being degraded. Old BJP Karyakarata who is working in MP since last 20 to 30 years. They are being ignored and new karyakartas who were earlier Congress karyakarata are being promoted. This method is depressing the actual and real karyakarata and they are working against BJP.

      3.       Shivraj Singh  is not  monitoring their fund and local MLA:
People of MP are comparing Shivraj Singh Chouhan and Man Mohan singh. Like  Man Mohan Singh has no control over their minister so Shivraj also has no control over their Ministers and MLA. They are all involved and indulging corruption and non performance. Many works has been started but they are not completed yet. Roads have been develop but they are finished now. Traffic system has been given to police bribe in open ground. But Shivraj Singh has just not taking class of his MLA. Like Man Mohan Singh. 
People says
 "Senapati to acchcha hai leking Sipahi Chor"
means  "Captain is good but his  team is cheater and dull"

      4.       Expectation of high growth from  Shivraj is being  compared with Narendra Modi not Dig Vijay Singh:
In BJP, Narendra Modi has created a Development Mile stone in Gujrat.  Before few month Shivraj Singh had been compared with Narendra Modi by media. Therefore the expectation of people of MP is very high. But in the comparison of Narendra Modi he is producing less. 

Dig Vijay Singh has created MP hell for congress. Congress must keep  Dig Vijay Singh away if they want to win the election in 2013. People dont like him

Conclusion:

People of MP are supporting Shivraj but with Ifs and buts. MLA and Ministers are involved in corruption and not working for people welfare. People hates Div Vijay Singh in MP and they dont want him again to be  CM of MP. This is also one of the major advantage with Shivraj Government This  would be border line win for shivraj Singh Chouhan MP. He will win election 2013 but with very less margin.  Shivraj Singh will have to perform a lot more . MP is far behind and development expectation will be too much high from Shivraj Singh Chouhan. He must command over MP strictly other wise MP BJP fort could be conquered by Congress in election. 

Friday, November 8, 2013

अध्याय चतुर्थ दश - रक्तचाप (बी0 पी0 का बैर)

सवेरे का समय था, गौपाल ईश्वर का ध्यान कर, अपने राज्य के विचरण के लिये निकला ही थी कि कुछ प्रजाजनों एक पचास वर्ष के मध्यम आयु व्यक्ति को पानी आदि पिलाकर धीरज बंधा रहे थे । गौपाल के वहां पहुचने पर ज्ञात हुआ कि वह चक्कर खा कर चुका है ।

गौपालः भाई आप का नाम क्या है ।

व्यक्तिः रक्ताचापो ।

गौपालः रक्ताचापो जी आप किस समस्या के कारण आप इस दुर्गती को प्राप्त हुऐ है ।

व्यक्तिः गौपाल जी, मुझे रक्तचाप की समस्या है मेरा रक्त चाप उच्च एवं निम्न बहुत ही शीघ्रता हो जाता है ।

गौपालः रक्ताचापो जी, इस बिमारी में घिरने का क्या कारण है ।

रक्ताचापोः  मै अत्यधिक वातानुकुलित दूरदर्शी यंत्र का प्रयोग करता था । मै प्रभात एवं संध्या में विचरण को भी नही जाता था । इसके अतिरिक्त में चिन्ताओं से भी पीडित था । इन ज्ञात कारणों के कारण मुझे इस व्याधि ने घेर लिया है ।

गौपालः तो आपने इस समस्या से निपटने का उपाय नही किये है ।

रक्ताचापोः मै इन डाक्टरो के पास जाकर दवाईयां लाता हूॅ एवं मुझे इन्हे नियमित रूप से खानी पडती है । इनमें थोडी सी भी चूक मुझे इस परिणाम तक पहुॅचा देती है । यह दवाईयां बहुत महंगी होती है । गौपाल जी एवं नियमित लेना पडती है । 

गौपालः तो आपकी यह बिमारी कब तक ठीक हो जायेगी ।

रक्ताचापोः डाक्टर कहते है इसका कोई समाधान नहीं है इस रोग को केवल नियंत्रित किया जा सकता है एवं मुझे जीवन भर इसी प्रकार दवाईयां का सेवन करना होगा ।

गौपालः यह सुनकर व्यथित हो जाता है एवं वह स्थान छोड  कर सुचिकित्सा के पास चला जाता है एवं सुचिकित्सा से इस विषय पर चर्चा करता है ।

सुचिकित्साः इसका इसका उपाय तो बडा ही सीधा एवं सरल है । एवं यह रोग जड से समाप्त किया जा सकता है ।

गौपालः अत्यंत प्रसन्नता के साथ पुछता है क्या । 


सुचिकित्साः गाय की पीठ पर प्रत्येक दिन 10 से 20 मिनट  हाथ फेरे, यह प्रत्येक दिन में प्रभात एवं संध्या दोनो समय करे । इस विधि को लगभग 4 से 5 महीने तक दोहराये, यह रोग बिना किसी मूल्य को दिये समाप्त किया जा सकता है ।

गौपालः गौपाल ने यह उपाय रक्ताचापो को तुरंत बताया । 

रक्ताचापोः  रक्ताचापो ने यह विधि 4 से 5 महीने की एवं वह हमेशा के लिये रक्त चाप के रोग से स्वतंत्र हो गया ।

गौपालः सुचिकित्सा आप मुझे बताये किस प्रकार इतनी बडी समस्या का समाधान केवल गाय की पीठ पर हाथ फेरने से हो गया है ।

सुचिकित्साः राजकुमार, गौपाल, गौमाता 21 प्रतिशत स्वास द्वारा अंदर की ओर ले जाती है । एवं 16 प्रतिशत वापस वायुमंडल में छोड देती है । एवं यह गाय के चारो ओर आवरण के रूप में उपस्थित होता है । हम उसी आवरण में उपस्थित रहते है । 

Tuesday, November 5, 2013

यू0पी0ए0 2 की एल0 पी0 जी0 सिलेंडर सबसिडी स्कीम का सच

वर्तमान केंद्र सरकार ने गरीबो केा ऐसे लाठी से मारा है कि गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार मर भी जायेगें एवं लोगो का पता भी न चलेगा । मुझे बहुत ही दुख है कि सरकार ऐसे सिलेंडर सबसिडी स्कीम बनाई जो भारतीय लोगो का पूरी तरह से चूल्हा बुझाने में सक्षम है । इस स्कीम में व्यक्ति को भूखा रहने एवं उधार मांगने के लिये मजबूर कर दिया है । 

सरकार को एक एल0 पी0 जी0 सिलेंडर लगभग 1100 रू में पडता है ।  यही सिलेंडर भारतीय लोगो को सबसिडी के साथ लगभग 450 रू में मिलता है । यह सबसिडी सरकार लोगो को इसिलिय देती है कि भारतीय लोग इस भरी भरकम महंगा ईधन को  वहन नही कर सकते है । अर्थात लगभग 85 से 90 करोड लोग ऐसे है जिनके पास यह 1100 रू महीने संचित करने की क्षमता नही होती है । एवं 1100 रू में अगर यह सिलेंडर बिके तो वह एल0 पी0 जी0 सिलेंडर को रसाई में नही रख पायेगे । 

इस स्कीम में अब लोगो को सिलेंडर 450 रू में न मिलकर 1100 रू में मिलेगा एवं सबसिडी के 650रू सरकार बाद में गा्रहक के बैक खाते में स्थानांतरित कर देगी । इस स्कीम लागू भी हो गई है । और इसने आम लोगों को मारना भी प्रारंभ कर दिया है । वास्तविक स्थिति यह है अब महिलाओ का सदैव सिलेंडर खरीदने के लिये लगभग 1100 रू संचित करने की आवश्यकता पडेगी । एवं उसे सदैव यह रकम अपने पास रखनी होगी । यह रकम वह कही भी उपयोग नही कर सकती है । क्योंकि राशि न रहने पर  एल0 पी0 जी0 सिलेंडर आया तो उसे वह खरीद नही सकती है । यह 200 रू प्रतिदिन कमाने वाले परिवारों के लिये गले की फांस बन जायेगी । एवं यू0पी0ए0 2 जो डारक्ट कैस स्थानांतरण के लाभ लेने के बारे में सोच रही है वह हानि में परिवर्तित हो जायेगा । 

रूपये बैक में आने पर महिलाओं को वह रकम लेने के लिये बैंक भी जाना होगा । बैक जाने के लिये उसे आटो किराये आदि मे रू0 को खर्च करना एवं बैकोें में जाकर फार्म भरकर लंबी लाईन में लगना होगा । गरीब महिला के खाते में अगर तय समय में सबसिडी के 650रू नही आये तो उसे फिर से यह सब करना होगा । इस प्रकार वह दो से तीन की मजदूरी से भी गई अर्थात गरीबी उपर आटा भी गीला । एवं एक और भयंकर दुर्घटना कि अगर  सबसिडी के रूपये बैंक खाते में आये ही नही है  । फिर वेचारी महिला क्या करे। 

इसमें महिलाओ को एक और विपत्ति का सामना करना पड सकता है कि उसका पति यदि व्यसन का शिकार है तो ऐसा भी हो सकता है कि यह पैसा महिला के पास पहुंचे ही नही एवं उसे एल0 पी0 जी0 सिलेंडर तो प्राप्त हो जाये परन्तु भोजन के रू पति शराब आदि के लिये व्यय कर चुका है । 

यू0पी0ए0 2 ने भ्रष्टाचार के क्षेत्र में बहुत नाम कमाया है । यह स्कीम भी भ्रष्टाचार करने वालों के गिद्ध भोज है । अवश्य ही पैसे स्थानांतरण में सरकार के सिपाही एवं नौकरशाह गरीबों का पैसे उडाने में देर नही लगायेगें । जनता का बहुत बडा प्रतिशत अभी भी अशिक्षित एवं असहाय है । जिसे यह पता ही नही है कि क्या करना है । उनके रूपये हाथ में न आने पर वह केवल बैंक एवं कंम्पनीज के चक्कर ही काटते रह जायेगे ।

इस एल0 पी0 जी0 सिलेंडर स्कीम के बहुत ही दुखद पहलुओे की चर्चा मैन इस लेख में करने का प्रयत्न किया है । इस दुख को सभी आम भारतीय महसूस करेगें ।

Monday, November 4, 2013

अध्याय तृयादशः - खर्राटे का खर्च

गौपाल जैसे ही सवेरे गाॅव का निरीक्षण करने  कि लिये निकला । कोयल की मधुर सुर सुनाई देने की अपेक्षा हो रही थी । परन्तु प्रत्येक ग्रहो में से आवाज आई खर्र खर्र, घर्र घर्र गौपाल को लगा जैसे कोई दैत्य लोगो के घरो मे घुस गया हो । सूर्योदय होने पर 

गौपाल प्रजा सेः आप लोगो के घर से प्रातः खर्र खर्र, घर्र घर्र की आवाज आ रही थी। क्या आपके घरो मे कोई दैत्य घुस आया है ।

प्रजाजनः प्रिय राजकुमार गौपाल यह दैत्य नही है । यह खर्राटे है जो सोते समय आते है ।

गौपालः यह आवाज तो बडी भयावह है ।

प्रजाजनः अरे बहुत दवाईयां करवा चुके है परन्तु इसका समाधान नही निकला अतः अब इलाज करना छोड दिया एवं खर्राटे के साथ जीवित है ।,

गौपालः इसका क्या कारण आप लोग जानते है ।

प्रजाननः नहीं । चर्चा समाप्त हो गई ।

गौपाल: ठीक है भाईयों में प्रस्थान करता हॅू । गौपाल सुचिकित्सा के पास जाता है एवं सुचिकित्सा को आदेश ढूढ कर बताऐ ।


सुचिकित्साः राजकुमार जी मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता पडेगी ।

गौपालः अवश्य ।

सुचिकित्साः अब हम दोनो मिलकर कुछ पुस्तको का अध्ययन करना होगा  जिससे हमें समस्या का समाधान मिलेगा ।

 दोनो पुस्तको में उपाय ढूढने लगते है

सुचिकित्सा को इसका बडा ही सरल उपाय मिला एवं गांव वालो को गौपाल द्वारा उपाय बताया गया । 

सुचिकित्सा 

1. मिट्टी के बर्तन में गाय का शुद्ध दूध को जमाकर दही बनावे ।

2. दही को लकडी की मथानी से मिट्टी के पात्र मे रखकर मथें एवं उसका मक्खन निकाले ।

3. फिर लोहे की कडाई में रखकर उसका घी निकाले ।

4. इस घी को सोते समय नाक में डाले । यह घी न ही अधिक गर्म एवं न ही अधिक ठंडा होना चाहिए ।

5. यह विधि सोने से पहले तीन दिन तक दोहरावे।

प्रजाजनों ने गौपाल की बात को बडे ही ध्यान से सुना एवं उसका आचरण किया । ऐसा करने पर प्रजाजनो को 60 प्रतिशत तक लाभ हुआ एवं कई लोगो के खर्राटे छूट गये । इस प्रकार लोगो के नेजर का खर्चा गौपाल ने बचाया । नेजर की कीमत 50-100 रू होती है । एवं नेजर करने के बाद नाक के आपरेशन करने की समस्या सामने आती है । नेजर नाक में सूखापन बडा देता है । कृपया खर्राटे से निपटने के लिये नेजर का प्रयोग न करें ।

अध्याय द्वादस - गौपाल को आशीष वचन

गौपाल अब युद्ध के लिये कमर कस चुका है । परन्तु यह युद्ध तलवारो द्वारा नही लडा जाना है । यह युद्ध लडा जाना है दृढ संकल्प द्वारा । जो केवल धैर्य एवं बुद्धि विवके के सही प्रयोग द्वारा ही जीती जा सकती है । गौपाल ने सर्वप्रथम अपने माता पिता से आशीष लिया,  मुनिवर कपित से आशीष लिया, विघ्नहर्ता श्री गणेश जी से आशीष लिया । 

इस जगत के पालन हार ब्रम्हा, विश्नु एवं शिव से आशीष प्राप्त किया । जगत जननी माता सरस्वती, लक्ष्मी एवं मां पार्वती जी का शीष झुकाया है । सभी देवो ने गौपाल को विजय का आर्शीवाद दिया । और कहा पुत्र

                                                 गावौ विश्वस्य मातरः
                                             गाय सारे विश्स की माता है !

यदि आपने यह सिद्ध कर लिया तो विश्व की कोई सिद्धी, प्रसिद्धी, धन, ऐश्वर्य आपसे दूर न रह पायेगा । माता एवं पिता ने आशीष दिया कि गौपाल को विजय प्राप्त हो ।



इस सूचना के प्राप्त होते ही आंग्ल देश के वर्तमान राजा, गुप्तचर सतर्क हो गये । और गौपाल की परीक्षा समय समीप आ गया । 

Sunday, November 3, 2013

Sardar Patel: Bhartiya Iron Man

वर्तमान में सरदार पटेल के लिये चल रही बहस से भारतीय जनता का बहुत ही लाभ है  । मै जब बच्चा था तो कई बार सोचता था कि सरदार पटेल को लौह पुरूष क्यों कहते है । मुझे पता ही न चला कि बात क्या थी कोई बताने वाला भी न था जो बता सके कि क्यों ा सरदार जी को लौह पुरूष कहा जाता हैं। इस बार नरेंद्र मोदी जी ऐसे विषय को उठाया है जिससे जनता को इतिहास के पन्नों मे झाकने का अवसर मिला है । सरदार पटेल देश के वर्तमान चाणक्य है जिन्होने देश की अखंडता एवं एकता को सबसे उपर रखा । उन्होने कभी भी जवाहर लाल की तरह यूरोप की ओर नही देखा एवं यूरोप के अनुसार काम भी नही किया । उन्होने ऐसा देश बनाया जो कि अंग्रेजोें की कल्पना से बाहर था ।

अंग्रेज इसे यूरापियन युनियन के समान टूटा फूटा बनाना चाहते थे । इस कार्य कि लिये उन्होने जवाहर लाल नेहरू जैसे मस्तिष्क विहीन नेता की आवश्यकता थी जो कि स्वयं निर्णय न  ले सकें । और वह बहुत सीमा तक सफल भी हुऐ । परन्तु सरदार पटेल के सामने न तो जवाहर लाल नेहरू की चली न तो अंग्रेजो की । जवाहर लाल एवं नेहरू बस अपनी योजनाओं को कागजो पर ही बना पाये । बहुत दुख की बात है कि सरदार पटेल स्वतंत्रता के बहुत दिनो बाद तक जीवित नही रह पाये। जीवित रहते सरदार पटेल ने  जवाहर लाल को बार बार चीन के खतरनाक मंतंव्य के बारे में  चेतावनी दी परन्तु जवाहर लाल का समय शेरवानी में गुलाब फूल लगाते एवं पेरिस से कपडे धुलवाने में ही निकल गया और हमें चीन के हाथो परास्त होना पडा । 

सरदार पटेल ही वास्तव में ऐसे नेता थे जो महात्मा गांधी की सभी नीतियों को लागू कर सकते थे । सभी जानते थे कि जवाहर लाल में वह भावना नही है जो भारत को स्वराज एवं सुशासन दे सके । सरदार पटेल को सदैव कांगे्रस ने उपेक्षित ही किया है । और आज जब  कांगे्रस का धुर विरोधी उनका नाम आगे ला रहा है तो कांगे्रस नेताओ की छटपाटाहट देखते ही बनती है । 


कांगे्रस अपने एक और महापुरूष लाल बहादुर शास्त्री को भी भूल गई है । उसे समय रहते लाल बहादुर शास्त्री को भी सम्मान दे देना चाहिय अन्यथा बाद में आरोप लगाने के अतिरिक्त और कोई उपाय न रह  जायेगा । लाल बहादुर शास्त्री के प्रति सदैव देश के पीढियां सम्मान की भावना से देखेगी । लाल बहादुर शास्त्री नेता कांग्रेस में थे इसिलिये पहला अधिकार कांग्रेस का बनता है । सरदार पटेल एवं लाल बहादुर शास्त्री को कांगे्रस ने अनाथों समान व्यवहार किया है ।  जैसे इन नेताओ भारत के लिये कोई योगदान ही नही दिया है । 

इसके अन्यंत्र और भी कई महापुरूष है जिनके नाम आजादी के बाद भारत को स्मृति करने चाहिये थे एवं उनके परिवारो को त्याग कि लिये सम्मान करना चाहिये परन्तु बहुत त्यागी पुरूषों के परिवार तो गरीबों से हाल बेहाल होकर विलुप्त हो चुके है । भारत की सरकारों ने कभी भी इन परिवारों को याद करने की आवश्यता नही समझी । वर्तमान पीढी के नेता तो जवाहर लाल नेहरू से भी सौ कदम आगे है जदयू के किसी नेता ने तो सीमा पर शहीद के त्याग को ही व्यर्थ कर दिया एवं कह दिया कि सेना में तो लोग मरने कि लिये ही जाते है । इन्ही सैनिको के कारण नेता जी आप भारत में सुरक्षित भोजन कर पाते है नही ंतो पाकिस्तानी सेना के किसी सैनिक की गोली खाकर  न जाने किस लोक में भ्रमण कर रहे होते क्योकि स्वर्ग तो आपको पक्का नही मिलेगा । 

 सरदार पटेल तो मात्र एक प्रतीक है उन हजारों हजार शहीदों जिन्होने कभी देश के लिये अपना सर्वस्व त्याग दिया है । यदि कांग्रेस पहले से ही इन्हे यह सम्मान देती तो शायद आज नरेन्द्र मोदी के पास जवाहर लाल नेहरू के प्रति कुछ कहने को न होता ।