गौपाल मुनि के आश्रम से निकलने के बाद विचार करने लगा कि इतना कार्य मात्र एक व्यक्ति के बस की बात नही है । अगर यह आंग्ल देश किंग का षडयंत्र है तो उसके षडयंत्र का विनाश करने के लिये बहुत सारे व्यक्तियों की आवश्यता होगी । अतः उसने गांव के उर्जावान एवं सेवा उर्जा से भरे लोगो का समूह बनाने का निर्णय लिया ।
इसके लिए उसे सुशिक्षा सुचिकित्सा एवं सुकृषि नामक तीन युवको का चयन किया ।
सुशिक्षा का कार्य पुरानी शिक्षा का अध्ययन करना एवं वर्तमान परिस्थिति के अनुसार उसे परिवर्तित करने का है ।
सचिकित्सा का
कार्य पुरानी चिकित्सा पद्धती की पुनः खोज एवं प्रजा को उसके बारे में अवगत कराना है ।
सुकृषि का मूल्य उददेश्य कृषि क्षेत्र में गाय के लाभों को पुराने ग्रंथो में खोजना एवं नुनसर देश की प्रजा को उसके बारें में प्रमाणों के साथ अवगत कराना है ।
इन तीनो नवयुवको ने बहुत उर्जा को नुनसर देश के लिये संयोजित कर रखा हुआ है । एवं अब उसका उपयोग समय आ गया है । यह तीनो युवक अपनी सुविधा के अनुसार और युवको को अपनो समूह में जोड सकते है ।
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