Friday, October 18, 2013

अध्याय नवम - गौहत्या केंद्रो की स्थापना एवं गुरूकुलों का नाश

कपिल मुनिः गौपाल यह भारी षडयंत्र है अभी बहुत कुछ शेष है धैर्य के साथ सुन तबहि जाकर आप समस्यों का समाधान निकाल पायेंगें।

गौपालः जी मुनिवर।

कपिल मुनिः गौपाल की योजना बनाते ही नुनसर देश में 350  गौहत्या के्रन्दो की स्थापना कर गौहत्या प्रारंभ की गई । जिनमें चाबीसों घंटों गौ को काटा जाने लगा । परन्तु इसके बाद भी जब गौमाताओं की संखया कम नही हुई तो नंदी बैलों को भी मारना प्रारंभ किया गया । इस प्रकार नुनसर का गरीब एवं पिछडा बनाने का षडयंत्र प्रारंभ हुआ ।


भारतीय समाज में गाय का महत्व मां का है अतः नुनसर में भी गाय का महत्व मां का ही है ।  अतः इस प्रकार की शिक्षा दीक्षा हमारे सहस्त्रों गुरूकुलों में दी जाती थी । अतः इन गुरूकुलों को नष्ट करना भी आंग्ल देश के किंग का षडयंत्र का हिस्सा था । हमारे हजारों गुरूओं का नष्ट किया गया । उन्हे बहुत ही क्रूरता से मारा, जलाया एवं उनकी हत्या की गडी एवं नये गुरूकुलों को स्थापित नही होन दिया गया ।

इन गुरूकुलों के बंद होते ही धीरे-धीरे  गायों का महत्व एवं उपयोग क्षीण होने लगा । प्रजा को गाय का वास्तविक रूप् नही देख पायी । उसके मातृत्व की समझ समाप्त होने लगी । एवं खेती एवं चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों  से गाय का उपयोग विलुप्त हो गया । एवं गायें भी समाप्त हो गई है ।

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