odhy dkyk dksVZ D;ksa igurss gS A (Why Advocates and Judges wear Black Coats)
यह छोटा प्रष्न है, जिसका उत्तर बहुत सारे वकीलो के पास भी सही सही नहीं है । यह वकीलो के लिये भी बडा ही दुख दायी है जिसका दुख समय समय वह व्यक्त करते रहते है । कई वकील प्रष्न को मजाक में लेते है और कई इसे उनकी असमिता पर गहरा आघात समझतें है । कई इसे समान्य प्रष्न समझ कर छोड देते है । वकीलो का अधिकतर समुदाय इस कश्टकारक, षरीर से लिपटे हुये, अउपयोगी, भारी वस़्त्र से सदैव के लिये छुटकारा पाना चाहते है ।
यह काला कोट गर्मियों में श्राप के समान है जिसे भेागना ही पडता है । यह कोट गर्मियों में बहुत ही पसीना एवं दुर्गध युक्त हो जाता है । जिससे वकीलो के वासिंग पावडर एवं परफयूम का खर्चा बड जाता है । इससे गर्मियों मे अपच की संभावना बड जाती है । इसकी दुर्गंध का मुख्य पिडित इनका गा्रहक होता है जो न तो इनके पास जा सकता है और न ही दूर । परन्तु कोट के कारण ही यह अनचाहे लोगो से बडी ही आसानी से छुटकारा पा लेते है । परफयूम कम्पनीयों पर वकीलो बहुत कृपा होने का कारण यही है, किसी भी परफयूम के विज्ञापन पर वकीलो स्थान नही दिया जाता है, इसके लिये मेरी सहानुभूति वकीलों के साथ है ।
आजादी के 65 वर्शो के बाद भी न्याय के लिये लडने वालो को इस विदेषी एवं अवैज्ञानिक वेश भूशा से छुटकारा नही मिल पाया है । यह विचार एकदम सही है कि वकीलों के लिये यूनीफार्म होना चाहिये पर यह भारत के वातावरण के अनुसार होना चाहिये न कि इंग्लेंड के वातावरण के अनुसार । देष के सारे वकील मिलकर इस कुप्रथा का अंत कर सकते है, परन्तु इसक लिये इच्छा षक्ति की आवष्यता चाहिये, जो उनमे कूट कूट कर भरी है । इस विशय पर केरला उच्च न्यायालय में पिटीषन भी लगाया जा चुका है ।
काले कोट पर वरिश्ट वकीलों की राय
1 उज्जवल निकम (Special Public Prosecutor, Government of Maharashtra)
मै गर्मी के दिनों में भी काला कोट पहनता हूॅ, यह मुम्बई में बहुत ही असहज है ।
2 वंदना चवन ;म्ग.उंलवत व िच्नदमद्ध (Ex-mayor of Pune)
काला कोट माईक्रो वेव ओवन की तरह है ।
3 डाॅ राजन टी0 डी 0 (A Mumbai-based consultant specialist in skin )
भारतीय न्यायपालिकाओं पर काम का बहुत दबाव होता है जिसे कोट और भी खतरनाक बना देते है ।
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