यह बहुत ही दुख की बात है कि दूध के मूल्य का निर्धारण उसके फेट के आधार पर होता है न कि उसकी गुणवत्ता के आधार पर। गाय का दूध भैस की तुलना में बहुत अधिक गुणकारी होता है । गाय के दूध को स्नेह पदार्थ भी कहा जाता है क्योंकि वह केवल बछडे को स्नेह करते समय ही निकलता है जबकि भैंस का दूध किसी भी अवस्था निकाला जा सकता है । हमने भैंस एवं गाय के दूध कुछ अंतर तो स्पष्ट किये है परन्तु भैंस एवं गाय के दूध में अनंत अन्तर होते है जिस पर आधुनिक समय मे कई प्रकार की शोध हो रहे है । गाय की तुलना मे भैंस का मूत्र उपयोगी नहीं होता है । भैंस का गोबर भी गाय के तुलना बहुत कम गुणकारी होता है । स्पष्ट है कि भैस के गोबर में लक्ष्मी माता नहीं विराजिती है । इसमें कुछ निम्न है
गाय
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भैंस
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इसका दूध दो घंटो में पच जाता है ।
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इसका दूध नौ घंटो में पच जाता है ।
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गाय के दूध मे आयोडीन होता है । जो कि अत्यंत पाचक अवस्था में होता है ।
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भैंस के दूध मे आयोडीन नही होता है ।
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गाय का दूध वात, पित्त, कफ नाशक होता है ।
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भैंस का दूध भारी भरकम, कफ एवं वायु को बढाने वाला एवं आलस्य पैदा करने वाला होता है ।
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गाय के दूध मे सोना तत्व की मात्रा बहुत होती है । |
भैंस के दूध मे सोना तत्व की मात्रा नहीं होती है ।
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यू0 वी0 किरणेा का गाय के दूध पर कोई प्रभाव नहीं होता है ।
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यू0 वी0 किरणेा से भैंस का दूध प्रभावित ं होती है ।
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गाय के दूध, मख्खन, छाॅंछ एवं घी मे शरीर मे निर्माण होने वाले जहरीले रासायनिक पदार्थ शरीर के बाहर पसीने माध्यम से निकालने की अद्भुत क्षमता होती है ।
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यह क्षमता भैंस के व्दारा उत्पादित होने वाले उत्पाद मे नही होती है ।
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