प्रिय मित्रो,
बाजार के साथ ही गंगा जी घाट लगा हुआ था । जो बारिस में पूरी तरह से जल मग्न था । हमने चप्पल खरीदी जो बहुत सस्ती एवं अच्छी गुणवत्ता की थी । कुमुद थक गया और हम होटल वापस आ गये ।
आप सभी जानतें है की विवाह भारतीय समाज का एक हिस्सा है मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मै अपने मित्र अशीष के विवाह में उपलब्ध रहा । विवाह स्थान बक्सर बिहार था । यह उत्तर प्रदेश एवं बिहार सीमा पर है । बक्सर को गंगा जी ने दो भागों में बांटा है एक बिहार और एक उत्तर प्रदेश में है । रेल स्टेशन पर उतरते ही हनूमान जी का मंदिर और कुछ एमबेस्डर कारे दिखी । हनूमान जी दर्शन के बाद मै होटल पहुॅचा जहाॅं रूकने का प्रबंध था ।
वहाॅं पर मेरी मित्र मारूती पाटिल कोल्हापुर एवं कुमुद लामा आसम से हुई । होटल में टी0वी0 नहीं था । इसिलिये हम लोगों ने खाना खाकर बक्सर घुमने का मन बनाया । हम तीनो एक ही रिक्से पर बाजार की ओर निकल पडे । हमारे लिये बाजार थोडा सा नया था । मैने रिक्से उतरकर पान खाया यह चार रूपये का था जिसका आकार बहुत कम छोटा एवं एक साथ दो पान खाने की प्रथा है । पान के साथ चूना एवं तम्बाकू अलग से दिया जाता है ।
बाजार के साथ ही गंगा जी घाट लगा हुआ था । जो बारिस में पूरी तरह से जल मग्न था । हमने चप्पल खरीदी जो बहुत सस्ती एवं अच्छी गुणवत्ता की थी । कुमुद थक गया और हम होटल वापस आ गये ।
शाम को आशीष ने हमारे लिये कार भेजी और हम बारात स्थल पर पहुॅचे । बारात आशीष के गाॅंव गाजीपुर से आयी थी । पानी पीने के लिये छेने के रस गुल्ले, रगडा, चाट, दही बडे एवं फुलकी थी । बारात स्थल में आशीष से भेंट हुई । इसी बीच मेरा बटुआ खो गया परन्तु वापस मिल गया । मैने और मारूति ने पैजामा कुर्ता एवं कुमुद ने पेंट शर्ट पहना है । आशीष ने जयमाला में शेरवानी एवं अन्य कार्यक्रमो के सूट पहना था । हम अधिक नाच नही सके क्योंकि मुहुर्त का समय रा़ित्र 11 बजे था । भोजन के बाद हमारी भेंट श्री राव साहव से भेंट हुई । जिन्हाने बक्सर के धार्मिक एवं एतिहासिक महत्व को बताया ।
सुबह करीवन तीन आशीष रीति रिवाजो से मुक्त हुआ और हम लगभग तीन घंटे साथ रहे । वापस आकर होटल में तैयार हुऐ एवं आशीष विदाइ समारोह के लिये चला गया ।
अन्त में आशीष भाभी को लेकर गाजीपुर चला गया । मारूती पाटिल एवं कुमुद लामा आशीष के साथ गाजीपुर चले गये मै वापस होटल आ गया । अनुभव बडा ही सुखद रहा ।
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