अत्यंत सुन्दर शरीर की बनावट, रंगों की विविधता, शींगों की विविधता, आंखों में प्यार का महासागर लिये हुये हमारी गोशाला की महानता बढाने वाली साथ में विदेशी गाय से ज्यादा दूध देने वाली, अति ठंड, अति तापमान से इन दोनों विषमताआं से खुद को जोडने वाली, हरदम बीमारियों से दूर रहने वाली, कम खाकर अनंत कोटि महासागर होने वाला गोबर और अमृत तुल्य औषधी होने वाला गोमूत्र देने वाली,वत्सला, स्नेही एैसी हमारी देशी गाय भारतीय संस्कृति की शान है। भारतीय गोवंश का विकाश गांव गांव में होता था। उसी शोध से नई नई देशी गाय की नस्लें विकसित की जाती थीं। जैसे हल्लीकर, खिल्लार, कांगायम, कृष्णा, ओंगोल , देवनी , लालकंधारी, गैलावू , हरियांणा, गिर, साहीवाल, राठी, कांक्रेज, थारपरकर आदि। हमारेे देश में प्रचीनकाल में गाय को अलग अलग नामों से पुकारा जाता था।
अष्टाध्यायी में गाय की अवस्था के अनुसार अलग अलग नाम दिये है
ये सभी गाय की अलग अलग अवस्था के अनुसार उसके नाम होते थे।
1. गृष्टि: जो गाय प्रथम बच्चे को जन्म देती है। प्रष्ठौही भी उसी को कहते हैं
A GuaMata who gave birth her first calf are called Grasti.
A GuaMata who gave birth her first calf are called Grasti.
2. धेनु: धेनु का अर्थ है दूध पिलाने वाली। जिस गाय का बछडा केवल उसी गाय के दूध पर जीता है उसे धेनु कहते हैं।
A GauMata who's calf live only on her milk are called Dhenu.
A GauMata who's calf live only on her milk are called Dhenu.
3. वशा: जिस गाय को कभी जनन नहीं हुआ उसे वशा कहते हैं।
A GauMata who's does not been pregnant is called Vasha.
A GauMata who's does not been pregnant is called Vasha.
4. वेहत: गर्भ धारण के कुछ दिन के बाद जिसका गर्भपात हो जाता है उसे वेहत कहते हैं।
A GuaMata who calf has been aborted are called Vehat.
A GuaMata who calf has been aborted are called Vehat.
5. वष्क येनि: जो गाय जनन के आठ माह बाद तक दूध देती है वह वष्क येनि कहलाती है।
A GauMata who produces milk eight months after the calf birth are called Vashk Yeni.
A GauMata who produces milk eight months after the calf birth are called Vashk Yeni.
6. करर्की: सफेद रंग की गौ करर्की कहलाती है।
7. गुष्ठी: बछडा देने वाली युवा गाय गुष्ठी है।
8. धेनुष्टरी ,स्तरी: जिस गाय को बच्चा पैदा नहीं होता उस गाय को यह नाम दिये गये हैं।
A GauMata who does not gave birth to any calf are called Dhenustari.
A GauMata who does not gave birth to any calf are called Dhenustari.
9. निवान्या: जिस गाय का बछडा मर जाता है तब उस गाय का दूध दूसरे बछडे को पिलाया जाता है ।उस गाय का नाम है।
A GauMata who's calf is passed away are called Nivanya.
A GauMata who's calf is passed away are called Nivanya.
1. विलिप्ती: जिस गाय का शरीर एैसा चिकना हो मानो उसे घी लगाया गया हो।
2. सूतवशा: जो सेवक के सामने रहने पर ही वश में रहती हो।
2. सूतवशा: जो सेवक के सामने रहने पर ही वश में रहती हो।
3. वशा: जो सब के वश में रहती है।
4. अवशा: जो कभी वश में नहीं रहती सदा उछल कूद किया करती है। दूध भी नहीं दुहने देती है।
5. भीमा भीमतमा:जो देखने में तथा बर्ताव में भी भयानक हो।
6. वशानां वशतमां: सीधी गायों में भी सब से सीधी ,यह गाय बहुत दूध देती है तथा दिन में अनेक बार दूध देती है। इसी गाय को कामधेनु कहते हैं।
इस प्रकार से 4 ,5 दान के अयोग्य हैं। शेष दान के योग्य हैं।
रंग के आधार पर गायों के नाम इस प्रकार हैं-
1. शुक्ल ,करर्की: यह सफेद रंग की गाय है।
White colour GauMata are called Shukl or Karki.
White colour GauMata are called Shukl or Karki.
2. रोहित: लाल रंग की गाय है।
Red Color GauMata are called Rohit.
Red Color GauMata are called Rohit.
3. श्यामा: यह काले रंग की गाय है।
Black Color GauMata are called Shyama.
Black Color GauMata are called Shyama.
4. बहुरंगी: जिस गाय पर अनेक रंग हों ।
Multiple color GauMata are called BahuRangi.
Multiple color GauMata are called BahuRangi.
5. कपिला: यह पीले रंग की गाय है। महाभारत में इस गाय के दश भेद बताये गये है।
Yellow color GauMata are called Kapila. In Mahabharata, Yellow color GauMata has been dictated as of 10 Types. Which are of following:
Yellow color GauMata are called Kapila. In Mahabharata, Yellow color GauMata has been dictated as of 10 Types. Which are of following:
1. सुवर्णकपिला: सोने के समान पीले रंग वाली।
Yellow Like Golden Color are called Suvarna Kapila.
2. गौर पिंगला: गौर तथा पीले रंग वाली ।
3. आरक्तपिंगाक्षी: कुछ लालिमा लिये हुए पीले नेत्र वाली ।
Yellow Like Golden Color are called Suvarna Kapila.
2. गौर पिंगला: गौर तथा पीले रंग वाली ।
3. आरक्तपिंगाक्षी: कुछ लालिमा लिये हुए पीले नेत्र वाली ।
4. गलपिंगला: जिसकी गर्दन के कुछ बाल पीले हों।
5. बभ्रवर्णाभा: जिसका सारा शरीर पीले रंग का हो।
6. श्वेतपिंगला: कुछ सफेदी लिये हुए पीले रोमांे वाली ।
7. रक्तपिंगाक्षी: सुर्ख व पीली आंखेंा वाली ।
8. खुरपिंगला: जिसके खुर पीले रंग के हों ।
9. पाटला: जिसका हल्का लाल रंग हो।
10. पुच्छपिंगला: जिसकी पूंछ के बाल पीले रंग के हों।
अब इसी क्रम में देशी गायों कका वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है।
भारत , श्रीलंका का सीगों के आधार पर वर्गीकरण -
1. छोटे सीगों की देशी गाय ( GauMata with Small Horns)-
गैलावू , कृष्णाव्हेली , नागोरी , ओंगोल , हरियाणा ,राठी , मेवाती ,बचैर हैं।
2. गोल किन्तु लम्बे सींगों की गाय (GuaMata with Round Shaped and Long Horns) -
थारपरकर , कांक्रेज , मालवी , हिस्सार हैं।
3. सीधे लम्बे सींगो वाली गाय ( GauMata with Long and Straight Horns) -
खिल्लारी , हल्लीकर , अमृतमहल, कांगायम , बरगूर , अलमबाडी हैं।
4. बहुत छोटे सींगों वाली गाय (GauMata with Small Horns) -
लोहानीं, पोंवार , कुमाउनी , शहाबादी , उंगनूर , श्रीलंका की सिंहला हैं।
मेाल वैज्ञानिक के आधार पर वर्गीकरण - इन्होंने भी सींगों के आधार पर ही वर्गीकरण किया है।
1. भूरे रंग ,लम्बे गोल आकार के सींग वाली गायें -
थारपरकर , कांक्रेज ,मालवी , केनकथा , खेरीगढ हैं।
2. छोटे सींग वाली ,सफेद ,भूरे रंग की गाय -
कृष्णावली, हरियाणा , नागोरी , मेवाती , ओंगोल ,बचैर , रठ है।
3. लम्बे सींगां वाली पूरी लाल गाय,लाल सफेद, काले सफेद रंग की गाय -
साहिवाल , गिर , रेड सिंधी ,देवनी ,डांगी ,निमारी हैं।
4. मैसूर की पीछे घूमते हुए नोंकदार सींगों की भूरे रंग की गाय-
खिल्लारी , अमृतमहल , हल्लीकर , कांगायम, अलमबाडी , बरगूर हैं।
5. छोटे कद की पहाडी गाय -
लोहानीं , पोंवार , सिरी , तेराइ , बंगाली , मलनाड , गिड्डा , वेूचूर हैं।
6. श्रीलंका की गाय-
सिंहला , तमकाबुआ ,
Where can I get Kapila Cow?
ReplyDeleteContact sumansudan@rocketmail.com
Not Any special Place you need to keep searching
Deleteकपिला ग
ReplyDeleteकपीला बछिया व गीर बछिया चाहिये कीमत व फोट शेयर कर 9412200042
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