Saturday, February 1, 2014

Some Professions Describe Veda

वेदों में लगभग 140 उद्योगों का उल्लेख किया  गया है।


1. रथकार , तक्षा, तष्टा, त्वष्टा- बढइ के लिए इन चारो शब्दो का प्रयोग मिलता है। इनका कार्य प्रशंसनीय माना जाता था। अतः इन्हें धीवानः कहा गया है।

2. कर्मार (Iron Smith) - लौहकार या लोहार को कर्मार कहते थे। इनको कुशल कारीगर मनीषिणः कहते थे।

3. यांन्त्रिक ( Assistant Engineer )- यजुर्वेद में यांन्त्रिक का उल्लेख है। यह मिस्त्री है। वर्तमान काल के इजीनियर हांेगे।

4. स्थयति ( Expert Engineer) -  राज या मिस्त्री ये उच्चकोटि के भवन बनाते थे।

5. हिरण्यकार (Gold Smith)- यह सुनार था।

6. मणिकार- यह सोने आदि में मणि जडने का कार्य किया करता था।

7. चर्मकार, चर्मम्न (Shoe Maker) - यह चमडे का सामान बनाता था।

8. पेशिता (Tailor) - नक्काशी या कढाइ का काम करने वाला था।        

9. सूचीकर्म (Tailor)- सिलाई का काम करने वाला था। आजकल इसे टेलर कहते हैं।

10. रजयित्री - वस्त्रो  की रंगाई का काम करता है।

11. मधु निर्माण - यह अच्छा व्यवसाय था। शहद की मक्खी को सरघा कहते थे । उनसे प्राप्त मधु को सरघा 
मधु कहते थे।

12. सुराकार -सुरानिर्माण  एक बडा व्यवसाय था। विभिन्न वस्तुओं का यांत्रिक विधि से अर्क  निकाला जाता था।  

13. वप्ता (Barber) - यह उस्तरे से बाल बनाता था।

14. मलग ( Loundry Man ) - यह वस्त्र धोने का काम करता था।

15. भिषक (Doctor) - यह वैद्य या चिकित्सक के लिए था।

16. नक्षत्रदर्श- यह ज्योतिषी के लिये है। यह प्रसिद्ध व्यवसाय था।

17. प्रश्नविवाक (Judge ) - यह न्यायाधीश होता है।

18. वणिक (Bussines  Man)- यह व्यापारी है। व्यापार बहुत व्यापक उद्योग था।

19. द्यूत- द्यूत बहुत प्रचलित था। जुआरी को कितव कहते थे। द्यूत को भी कुछ लोगों ने आजीविका का साधन बना लिया था। वेदों में इसे दुव्र्यसन माना गया है।

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