Saturday, January 4, 2014

स्वामी विवेकानंद शार्धसती समारोह - संकल्प महाशिविर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ महाकौशल प्रांत

  मध्यप्रदेश  के महाकौशल प्रांत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ  द्वारा परमपूज्य स्वामी विवेकानंद जी की एक सौ पचासवी जयंती के अवसर पर शार्धसती संकल्प महाशिविर का आयोजन किया जा रहा है । संकल्प महाशिविर का आयोजन जबलपुर नगर के विजय नगर में आयोजित किया जा रहा है । संकल्प  महाशिविर 03 जनवरी 2014 को प्रारंभ होकर 05 जनवरी 2014 को सर संघ चालक श्री मोहन भागवत जी के उद्भोधन के साथ समाप्त होगा । महाशिविर  का आयोजन संघ की कार्यप्रणाली से आम जन के मध्य प्रस्तुत करना है ।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शिविरों का विशेष महत्व होता है । शिविरों द्वारा एक शक्ति चेतना का संचार होता है । यह किसी के विरोध में किया गया अनुष्ठान नही है अपितु स्वयं का शक्ति परीक्षण करने हेतु किया गया कार्य है ।  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सदैव सकारात्मक उर्जा के साथ कार्य करता है । 

संकल्प महाशिविर में महाकौशल प्रांत के टीकमगढ, छतरपुर, लवकुश नगर, पन्ना, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, मउगंज, सीधी, सिंगरौली, सागर, बीना, दमोह, नरसिंहपुर, जबलपुर जिला, महानगर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट, वारासिवनी, सिवनी, लखनादौन, छिन्दवाडा, परासिया जिलो के एक लाख स्वयं सेवको से अधिक का एकत्रीकरण है । इन सभी जिलो के स्वयंसेवको शिविरों में ग्यारह नगरों रहने की व्यावस्था की गई है । हर नगर के तंबुओं को विभिन्न रंगो से सजाया गया है । इन रंगो से शिविरों में प्रेरणा का संचार होता है । जो भारत के देश वासियों में सेवा के लिये प्रेरक  उर्जा का प्रवाह करता है। 

 में प्रर्दशनी का आयोजन किया गया है । यह प्रर्दशनी भारत के वर्तमान एवं ज्वलंत मुद्दो का संक्षेप वर्णन देती है । इस प्रर्दशनी को अलग अलग भागों में विभक्त किया गया है । जिसमें कश्मीर, चीन, क्रिष्चीयन मिशनरी द्वारा धन देकर कनवर्जन, भारत के एक हजार वर्षो पुराना इतिहास, संघ के संस्थापक परमपुज्य हेगडेवार जी एवं श्री गोलवरकर जी का संक्षिप्त जीवन परिचय, विभिन्न संस्कृतियों भारतीय संस्कृति के चिन्ह आदि विषेष आर्कषण का केन्द्र है । 

संकल्प महाशिविर  में स्वयंसेवको का अनुशासन साराहनीय है । वे सब एक पंक्ति में  खडे होकर सूर्य नमस्कार, व्यायाम योगए प्रार्थना करते है । यह अनुशासन सभ्य एवं सशक्त  हिन्दू समाज का परिचायक है । यहां हिन्दू एक जीवन शैली है । वह प्रत्येक व्यक्ति जो हिन्दू जीवन शैली को अपनाता है वह हिन्दू कह लाता है । 

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