ये सुनकर बहुत अच्छा लगता है कि राजनीति में परिवर्तन की लहर चल रही है । भारत का प्रत्येक नवयुवक इस घिसी पिटी और उबाउ यू0 पी0 ए0 सरकार से छुटकारा पाना चाहता है । वह मनमोहन एवं राहुल गांधी को एक ही कडी में खडा करता है । वह राहुल गांधी को ऐसे युवा नेता के रूप में देखते है जो सदैव जिम्मेंदारी लेने से बचते है ।
अरविंद केजरीवाल को मै बहुत सम्मान की दृश्टि देखता हूॅ परन्तु मुझे षंका है कि वह कांग्रेस के द्वारा नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध एक कुटनीति हथियार के रूप में प्रयोग किये जा रहें है । कांग्रेस जानती है कि भारतीय समाज ने उसे सौ प्रतिषत नकार दिया है । और वह चाह कर भी भाजपा के विरूद्ध जीतने में सक्षम नही है । जिस कारण उसे कोई ऐसे व्यक्ति का लाने की आवष्यकता थी जो नरेद्र मोदी के वोट काटने का काम कर सके एवं इसके रूप में अरविंद केजरीवाल को खडा किया गया है । अरविंद केजरीवाल अगर ऐसा करते है तो वह देष में चल रहे व्यावस्था परिवर्तन को गहरा झटका पहुचायेगें ।
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिये बहुत अच्छा काम रहे है । परन्तु मे उन्हे एवं उनकी समूह को राश्टीय राजनीति में संदेष की दृश्टि से देखता हूॅ । उदारण के तौर पर प्रषान्त भूशण ने कहा था कि कष्मीर को पकिस्तान को दे देना चाहिये । क्या वह नही जानते कि भारत एवं देष के सैनिको ने उसे किस प्रकार बलिदान देकर बचाया हुआ । ऐसे ही आज कुमार विष्वास कह रहे है कि वह राहुल गा्रधी के विरोध में लडेगें परन्तु कुछ समय पहले उन्होने चुनाव लडने परहेज किया था । ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर अभी केजरीवाल एवं समूह ने अपनी कोई भी राय व्यक्त नही की है जैसे चीन का मुददा, कष्मीर का मुददा, अर्थ व्यावस्था आदि। इनमें एक ज्वलंत मुददा देवयानी खोबरागडे का है । आप पार्टी की विष्वस्नीयता कांग्रेस से समर्थन लेने कारण भी कम हुई ।
अभी अरविंद केजरीवाल ने जनता को तुरंत देखने वाले लाभ दिये परन्तु उनकी दृश्टता लंबे समय तक किसी राज्य को चलाने के प्रति क्या है इस पर विचार करने की आवष्यकता है । क्योंकि बिजली तो मुफत में कांगे्रस ने भी बांटी थी जिसके कारण सारे देष में मुफत समान देने की नीति का लोकार्पण हुआ है । एवं सारा देष उसे अब भी झेल रहा है ।
राश्टीय राजनीति के लिये में अरविंद केजरीवाल को अभी अपरिपक्व मानता हूॅ । अरविंद केजरीवाल ने अभी हार का सामना भी नही किया । अभी उनके दल को निराष और हताषा का सामना भी तो करना है । अभी तो आप के उपर सुखों की वर्शा हो रही है । सच्चाई की परख दुख के समय होती है । लोग अभी आप से जुडना चाहते है क्योंकि उन्हे लगता है कि वह राजनीति में बडी आसानी से आ जायेंगें । ऐसे लोग भी बडे खतरनाक होते है । जो केवल उगते सूरज को सलाम करतें है । जिस प्रकार वारिश आने पर छोटे मोटे गढडे भर जाते, छोटे छोटे नाले भयंकर नदी का रूप ले लेत है । परन्तु कुवार के महीने यह गढडे सूख जाते एवं गर्मी आते आते नाले सूख जाते है । उसी प्रकार वर्तमान मे मै आप पार्टी को देखता है । परन्तु मै ईष्वर से कामना करता हूॅ कि वह गढडे से झील या नाले से नदी का रूप धारण कर इस देष की माटी को सिंचिंत करे ।
I am agree with you Manish Sir. Keep writing .
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