Thursday, October 10, 2013

तृतीय अध्याय - आंग्लदेश किंग की छल पूर्ण योजना

प्रातः होते ही गौपाल कपिलमुनि के आश्रम मे उपस्थित हो गया है

कपिलमुनिः आपके दादा रामनरूद्र दौ सौ वर्षो पहले यहां के राजा थे । वह स्वभाव से बडे शांत एवं दयालु थे । वे बडे पराक्रमी एवं धनुविद्या एवं तलवार बाजी में माहिर थे  परन्तु उन्होने कभी किसी भी राज्य पर आक्रमण नही किया था ।

गौपालः जी मुनिवर फिर क्या हुआ ।

कपिलमुनिः फिर पडोसी देश आंग्ल के किंग का  यह बात पता चली । उनसे नुनसर देश को लूटने का विचार बनाया । परन्तु उसने इसके युद्ध का सहारा नहीं लिया । यह कार्य उसने छल एवं कपट के सहारे करने का विचार बनाया । उसका मंत्री राबर्ट क्लाईव था । अब मै आपको उनका संवाद कहता हूॅ ।

आंग्ल किंगः मंत्री राबर्ट जाओ नुनसर देश के राजा रामनरूद्र से मित्रता करो एवं मौका मिलते ही उसे समाप्त कर सारा हडप  लेना ।

मंत्री राबर्टः मिस्टर किंग हम उनसे मित्रता किस आधार पर करेंगें ।



आंग्ल किंगः तुम वहां व्यापार के बहाने जाओ ।

मंत्री राबर्टः यदि उन्हे हमारी मंशा का ज्ञान हुआ तो वह मुझे समाप्त कर देगें ।

आंग्ल किंगः नुनसर देश के राजा बडे ही दयालु है । यदि ऐसा करते समय पकड लिये जाओ तो  उनसे क्षमा याचना कर लेना ।

मंत्री राबर्टः परन्तु मै यदि सेना लेकर गया तो उन्हे शंका हो जायेगी ।

आंग्ल किंगः तुम केवल सुरक्षा के नाम से बहुत थोडी सी सेना लेकर जाना ।

मंत्री राबर्टः जी किंग ।




Tuesday, October 8, 2013

द्वितीय अध्याय - गौपाल एवं कपिल मुनि की चर्चा

जब ऋषि कपिल को गौपाल के प्रण के बारे में ज्ञात हुआ तो गौपाल को सेवक द्वारा संदेश देकर उसे बुलवाया । संदेश प्राप्त होने पर गौपाल कपिल मुनि के समक्ष उपस्थित हुआ ।

कपिल मुनिः गौपाल अत्यंत चिंतित दिखाई दे रहे हो ।

गौपाल: मुनिवर राज्य की प्रजा अत्यंत दुखी है  परन्तु मै इसका कारण नहीं जान पा रहा है । मैने यह दृढ निश्चय किया है कि मै अपने राज्य को सुख एवं समृद्ध शाली बनाउॅगा ।

कपिल मुनिः पुत्र आपकी भावना से मै बहुत प्रभावित हॅू परन्तु यह कार्य आप कैसे करेंगें एवं आपके पास इसकी क्या आपकी है ।

गौपाल: मुनिवर मेरे चिंतन कारण भी यही परन्तु मेरे पास इसका कोई समाधान नही है ।

कपिल मुनिः पुत्र इसका समाधान प्राप्त करने के लिये आपको राज्य एवं आपके पूर्वजो का इतिहास समझना होगा  सम्पूर्ण समाधान उसी में है ।

गौपाल: मुनिवर, वह इतिहास मुझे कहाॅ से प्राप्त होगा ।

कपिल मुनिः यदि आप इतिहास सुनना चाहतें है तो मै आपको सम्पूर्ण इतिहास बताउॅगा ।

गौपाल: मुनिवर, बताइये ।

कपिल मुनिः पुत्र, आज नही मेरे ध्यान करने समय हो चुका है कल प्रातः मै आपके पूर्वजो का गौरव मय इतिहास बताउॅगा ।

गौपाल अपने महल आ गया  एवं अगली एवं अगली प्रभात की प्रतिक्षा करने लगा ।