यह आज एक आम बात हो गई है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई गल्तियों को जांच के दायरे में लाकर छोड दिया जाता है । यह जांच वर्षो तक चलती रहेगी और यह अधिकारी जमानत में बाहर आ जाते है एवं मजे के साथ जीवन चलातें है ।
वर्तमान घटना छस्त्तीसगढ के बिलासपुर की है जहां एक डां आर0 के0 गुप्ता द्वारा कीर्तिमान स्थापित करने के लिये भारत की जननी के साथ मजाक किया जा रहा है । यह घटना मन को झकझोर देने वाली है कि एक डां ने एक दिन में 83 महिलाओ की नसबंदी की जिनमें से 60 की स्थिति खराब हो गई एवं 15 अब दुनियां में नही रहीं । क्या इस जानबूझ कर की गई प्रक्रिया को गल्ती कहना चाहिये या फिर सामूहिक हत्या । मेरे अनुसार यह सामूहिक हत्या है जिसमेे डां ने कीर्तिमान बनाने एवं धन कमाने कि लिये यह आपरेशन किये । यह घटना प्रचार में आयी क्योंकि इसमें हत्याओं की संख्या 15 है । ऐसी दो चार हत्याऐ हो जाने पर किसी का पता ही नही चलता है ।
अब प्रश्न ये है कि क्या सजा होनी चाहिये ऐसी सामूहिक हत्या करने वाले को । यदि किसी व्यक्ति द्वारा निजि कारणो से 15 लोगो को बन्दूक की गोली द्वारा मार दिया जाता है तो इसकी सजा क्या होती या सजा क्या होनी चाहिये । प्रश्न के उत्तर में अधिकांश लोग अधिकतम सजा जैसे मृत्यु दंड या उम्रकैद ही कहेंगंे परन्तु सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई यह त्रुटि केवल जांच तक ही सीमित रह जाती है । इस घटना के लिये आरोपियों को अधिकतम दंड के रूप में मृत्यु की सजा ही मिलनी चाहिये क्योंकि यह कृत्य उन्होने प्रतिस्पार्धा के कारण उत्पन्न हुऐ लोभ के कारण हुई है ।
यदि सही आंकडे निकाले जायें तो सरकारी अधिकारियों की त्रुटि के कारण से न जाने कितने ही अनपढ एवं अजागरूक लोग मृत्यु के हवाले हो जाते है । इन्हे हत्या हीे कहा जाना चाहिये परन्तु मीडिया एजेंसीज एवं सरकार के द्वारा इन्हे प्राकृतिक आपदा के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । यह बहुत ही दुखद है ।
वर्तमान घटना छस्त्तीसगढ के बिलासपुर की है जहां एक डां आर0 के0 गुप्ता द्वारा कीर्तिमान स्थापित करने के लिये भारत की जननी के साथ मजाक किया जा रहा है । यह घटना मन को झकझोर देने वाली है कि एक डां ने एक दिन में 83 महिलाओ की नसबंदी की जिनमें से 60 की स्थिति खराब हो गई एवं 15 अब दुनियां में नही रहीं । क्या इस जानबूझ कर की गई प्रक्रिया को गल्ती कहना चाहिये या फिर सामूहिक हत्या । मेरे अनुसार यह सामूहिक हत्या है जिसमेे डां ने कीर्तिमान बनाने एवं धन कमाने कि लिये यह आपरेशन किये । यह घटना प्रचार में आयी क्योंकि इसमें हत्याओं की संख्या 15 है । ऐसी दो चार हत्याऐ हो जाने पर किसी का पता ही नही चलता है ।
अब प्रश्न ये है कि क्या सजा होनी चाहिये ऐसी सामूहिक हत्या करने वाले को । यदि किसी व्यक्ति द्वारा निजि कारणो से 15 लोगो को बन्दूक की गोली द्वारा मार दिया जाता है तो इसकी सजा क्या होती या सजा क्या होनी चाहिये । प्रश्न के उत्तर में अधिकांश लोग अधिकतम सजा जैसे मृत्यु दंड या उम्रकैद ही कहेंगंे परन्तु सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई यह त्रुटि केवल जांच तक ही सीमित रह जाती है । इस घटना के लिये आरोपियों को अधिकतम दंड के रूप में मृत्यु की सजा ही मिलनी चाहिये क्योंकि यह कृत्य उन्होने प्रतिस्पार्धा के कारण उत्पन्न हुऐ लोभ के कारण हुई है ।
यदि सही आंकडे निकाले जायें तो सरकारी अधिकारियों की त्रुटि के कारण से न जाने कितने ही अनपढ एवं अजागरूक लोग मृत्यु के हवाले हो जाते है । इन्हे हत्या हीे कहा जाना चाहिये परन्तु मीडिया एजेंसीज एवं सरकार के द्वारा इन्हे प्राकृतिक आपदा के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । यह बहुत ही दुखद है ।
No comments:
Post a Comment